अमीनुल-क़ादरी का रिश्ता नबी के दुश्मनों से है!
इसके कई दोस्त वहाबी देवबंदी हैं!
मालेगांव के बाहर यह चाहे जो कहे, तकरीर में चाहे कुछ दावा करे, लेकिन अपने शहर में यह वहाबियों से मिला हुआ है।
मिसाल नंबर (1)
अमीनुल-क़ादरी का चहीता दोस्त पक्का वहाबी!
जिसका नाम आसिफ़ है, जो हर जगह अमीनुल-क़ादरी के साथ होता है।
नीचे 3 तस्वीरों में नंबर 1 अमीनुल-क़ादरी का चहीता दोस्त आसिफ़ है जबकि नंबर 2 आसिफ़ का वालिद है। (ज़ूम करके देखिए)
यह तीनों बैनर रंग और डिज़ाइन में एक जैसे हैं लेकिन ये शहर में 3 अलग अलग जगहों पर लगाए गए 3 बैनर हैं।
निचे नंबर 1 अमीनुल-क़ादरी का चहीता दोस्त आसिफ़ है जबकि नंबर 2 आसिफ़ का वालिद है। (ज़ूम करके देखिए)
आसिफ़ हर काम में अमीनुल-क़ादरी के साथ होता है। नीचे देखिए सुन्नी दावते इस्लामी के इश्तिहार में सबसे बड़ा फ़ोटो आसिफ़ का है। (ज़ूम करके देखिए)
आसिफ़ हर काम में अमीनुल-क़ादरी के साथ होता है। नीचे देखिए सुन्नी दावते इस्लामी के इश्तिहार में आसिफ़ का फ़ोटो:
नीचे देखिए अमीनुल-क़ादरी और आसिफ़ स्टेज पर एक साथ बैठे हैं।
तस्वीर में नंबर 1 अमीनुल-क़ादरी और नंबर 2 उसका चहीता दोस्त आसिफ़ है:
अमीनुल-क़ादरी और आसिफ़, हर जगह, हर काम में साथ साथ!
अमीनुल-क़ादरी और आसिफ़, हर जगह, हर काम में साथ साथ!
इस तस्वीर में अमीनुल-क़ादरी अपने चहीते दोस्त आसिफ़ के वालिद को हार पहनाते हुए:
अमीनुल-क़ादरी अपने शहर में बड़े बड़े उल्मा की आमद पर उनका जलसा सुनने नहीं जाता लेकिन उस का वहाबी दोस्त जिस प्रोग्राम में जाता है, यह उस की बग़ल में बैठ कर बड़े शौक़ से वह प्रोग्राम सुनता है! ज़ूम करके ग़ौर से देखिए:
अमीनुल-क़ादरी आसिफ़ के साथ बैठ कर बड़े शौक़ से प्रोग्राम सुन रहा है:
अमीनुल-क़ादरी के जलसे में मालेगांव का कोई भी समझदार सुन्नी शरीक नहीं होता। यह अपने जलसे में वहाबियों देवबंदियों को बुला कर और उन्हें इज़्ज़त व इकराम से नवाज़ कर जलसे को कामयाब बनाने की कोशिश करता है। नीचे देखिए, उस के प्रोग्राम के दावत-नामें में मेहमाने खुसूसी की फ़ेहरिस्त में सबसे पहला नाम उस के चहीते दोस्त आसिफ़ का है जो खुला वहाबी है। यहां दावत-नामे का सिर्फ पहला कॉलम दिया गया है जबकि उस दावत-नामे में कुल 6 कॉलम हैं जिन में 100 से ज़्यादा लोगों के नाम लिखे हैं। इनमें एक भी नाम सुन्नी आलिमे दीन का नहीं है जबकि वहाबियों देवबंदियों के नाम बड़ी तादाद में मौजूद हैं:
वहाबी दोस्त क्या करता है?
अमीनुल-क़ादरी का दोस्त आसिफ़, मोलवी वली मुहम्मद रहमानी देवबंदी का पक्का आशिक़ है, उस से बहुत अक़ीदत रखता है और उस के प्रोग्राम करवाने और लोगों को उस से जोड़ने मैं ख़ूब मेहनत करता है। नीचे तस्वीर में देखिये:
अमीनुल-क़ादरी का दोस्त आसिफ़ जब कोई प्रोग्राम करता है तो वहाबियों की सदारात में करता है, उन्हें बड़ी इज़्ज़त के साथ मेहमाने-खुसूसी के तौर पर बुलाकर स्टेज पर बिठाता है। नीचे तस्वीर में देखिए। आसिफ़ ने एक प्रोग्राम किया जिस में एक पक्के देवबंदी को सदारत दी, इसी तरह मेहमाने-खुसूसी में पहला और दूसरा नाम भी देवबंदी मौलवियों का है:
अमीनुल-क़ादरी का दोस्त आसिफ़, मोलवी उमरैन महफ़ूज़ रहमानी देवबंदी से भी बहुत क़रीब है, उस की ख़ूब इज़्ज़त करता है और अपने प्रोग्राम में उस से तक़रीर करवाता है। नीचे देखिए आसिफ़ ने जुलाई 2023 में मोलवी उमरैन देवबंदी के साथ मिलकर एक बड़ी मुहिम चलाई, उसमें हर जगह उसे साथ रखा और उस प्रोग्राम का पूरे शहर में ख़ूब चर्चा किया:
आसिफ़ का पसंदीदा (फेवोरेट) देवबंदी मोलवी उमरैन महफ़ूज़ रहमानी:
मालेगांव में देवबंदियों के एक बड़े मदरसे दारुल-उलूम मुहम्मदिया से ताल्लुक़ रखने वाला एक मोलवी हाफ़िज़ मुहम्मद सईद मर गया। आसिफ़ ने अख़बार मैं उस के ताल्लुक़ से ग़म का इज़हार किया:
आसिफ़ ने एक प्रोग्राम किया जिसमें मालेगांव में देवबंदियों के एक बड़े मोलवी अबदुल हमीद अज़हरी को बुलाया और उसे ख़ूब इज़्ज़त व इकराम से नवाज़ा। नीचे इश्तिहार में अबदुल हमीद अज़हरी के इलावा और भी कई वहाबियों और देवबंदियों के नाम या फ़ोटो मौजूद हैं। (ज़ूम करके देखिए)
अमीनुल-क़ादरी के और भी कई देवबंदी दोस्त हैं। इन शा अल्लाह उस की तफ़सील आइन्दा पेश की जाएगी। इस के लिए आप हमारे वाट्स ऐप ग्रुप में ज़रूर शामिल हो जाएं।
अमीनुल-क़ादरी असली सय्यद नहीं है बल्कि नसब बदल कर सय्यद हुआ है। तफ़सील देखने के लिए क्लिक करें:
अमीनुल-क़ादरी वहाबियों के साथ मिल कर प्रोग्राम करता है सबूत देखने के लिए क्लिक कीजीए:
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सुन्नी दवाते इस्लामी के ताल्लुक़ से अकाबिर उलमा ए अहलेसुन्नत का हुक्म जानने के लिए क्लिक कीजीए:
सुन्नी दावते इस्लामी के अमीर मौलाना शाकिर से मालेगांव के अवाम कई सालों से ४ इंतिहाई अहेम मगर आसान सवाल पूछ रही है लेकिन वह हर बार जवाब दिये बग़ैर मालेगांव से वापस चले जाते हैं। तफ़सील के लिए क्लिक कीजीए:
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